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लहसुन-प्याज का कंद बड़ा-बड़ा चाहते है तो डालें ये 4 खाद, फटाक से दिखेगा असर, जानें खाद का नाम और इस्तेमाल के लिए मात्रा

आलोक मिश्रा

लहसुन, प्याज की खेती देश के कई किसान करते हैं और यह मुनाफे का सौदा है। लहसुन, प्याज की कीमत अच्छी किसानों को मिल जाती है। साल भर इसकी डिमांड रहती है। जिससे किसानों को नुकसान नहीं होता है। लेकिन इसके लिए किसानों को अच्छी फसल लेनी पड़ती है। अगर पैदावार बढ़िया मिलती है तभी उन्हें फायदा होता है। लहसुन और प्याज की गुणवत्ता भी निर्भर करती है कि कैसी है। उस हिसाब से भी किसानों को कीमत मिलती है। अगर फसल की गुणवत्ता अच्छी नहीं हुई तो किसानों को कीमत कम मिलती है।

 

 

कंद का आकार छोटा हुआ तो भी अच्छी कीमत नहीं मिलती है। इसलिए किसानों को मेहनत करनी पड़ती है। लहसुन प्याज की फसल को दोगुना ध्यान देने की जरूरत होती है तो चलिए इस लेख में आपको कृषि विशेषज्ञ के अनुसार मिली जानकारी से बताते हैं कि कौन सी चार खाद देने से लहसुन और प्याज के कंदो को बड़ा किया जा सकता है। क्योंकि इस समय कई तरह की रोग बीमारी भी फैलती है। जिससे पोषक तत्वों की कमी होती है और कंद का आकार छोटा हो जाता है।

 नीचे लिखे चार बिंदुओं के अनुसार लहसुन और प्याज के कंद को बढ़ाने के लिए इस समय कौन सा खाद दे सकते हैं उसके बारे में जाने-

 

इस समय लहसुन के कंद बन रहे हैं ऐसे में किसान चार तरह के खाद दे सकते हैं जैसे कि डीएपी, एमओपी, कैल्शियम नाइट्रेट और जैविक खाद।

इनकी मात्रा की बात करें तो डीएपी एक एकड़ में 50 किलो, MOP एक एकड़ में 25 किलो और कैल्शियम नाइट्रेट एक एकड़ में 10 किलो, इसके अलावा जैविक खाद जो सबसे ज्यादा जरूरी है वह एक एकड़ में दो से चार किलो। जैविक खाद में अगर आप कंपनी द्वारा बनाए गए पैकेट खाद का इस्तेमाल करते हैं तो उसकी यह मात्रा बताई गई है। जैसे कि यूरो स्टार कंपनी का जैविक खाद आता है जिसे एक एकड़ में 2 से 4 किलो इस्तेमाल करते हैं तो अच्छा लाभ मिलता है।

जैविक खाद से फसल को पोषण मिलता है और पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है कंद का आकार बड़ा होता है। इसके अलावा आप अन्य का भी चयन कर सकते हैं जिस पर आपको भरोसा हो।

लहसुन की खेती में इन बातों का रखें ध्यान

लहसुन की खेती कर रहे हैं तो कई चीजों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जैसे मिट्टी की तैयारी लहसुन के लिए बलुई दोमट बेहतर होती है। जिसका पीएच मान 6 से 7 के बीच होता है।

जुताई की बात करें तो दो से तीन बार करें।

इसके अलावा बीच का चयन अच्छी गुणवत्ता वाले लहसुन के बीज का चयन करें।

बुवाई के समय की बात करें अक्टूबर से नवंबर के बीच लहसुन की बाई करने पर अच्छी उपज मिलती है।

लहसुन की कलियों को 10 से 12 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएं और दो पंक्तियों के बीच की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर रखें।

लहसुन की सिंचाई भी समय-समय पर करनी चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि खेतों में पानी ना रुके।

पुरानी गोबर की खाद देने से भी नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की कमी को दूर किया जा सकता है।

कीट-रोग नियंत्रण के लिए समय-समय पर इंतजाम करें। लहसुन की फसल में सफेद मक्खी, फफूंद से नुकसान होता है। इसके लिए जैविक कीटनाशक भी डाल सकते हैं।

नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी (Agricultural Tips) किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।

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