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सरसों की खेती में हो गई है देरी, तो न करें चिंता, इस वैरायटी के बीज की करें बुवाई, कम समय में होगी बंपर पैदावार

रिपोर्ट - अरविन्द कुमार

 

 

 बरकछा बीएचयू स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर सरसों के राधिका व भारत -7 वैराइटी के बीज उपलब्ध हैं . सरसों की लेट खेती करने वाले किसान इस वैराइटी के बीज लगा सकते हैं. इससे कम समय में बंपर पैदावार होगी.

पूर्वांचल के किसानों की इस वर्ष बारिश के अभाव में धान की खेती पिछड़ गई है. धान की कटाई करने के बाद सरसों की खेती में लेट लतीफी करने वाले किसान राधिका व भारत सरसों -7 वैराइटी की खेती करें. इससे बिना क्षति के तगड़ा मुनाफा होगा.

पूर्वी यूपी के लिए बीएचयू ने सौगात दी है. दक्षिणी परिसर में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर सरसों के बीज वितरित किए जा रहे हैं. राजस्थान, भरतपुर अनुसंधान केंद्र पर तैयार सरसों के बीज किसानों के लिए वरदान साबित होगा.

मिर्जापुर के बरकछा कलां में स्थित बीएचयू कृषि केंद्र प राधिका व भारत सरसों-7 सहित तीन वैराइटी के सरसों के बीज उपलब्ध है. किसान आवश्यकतानुसार बीज खरीद सकते हैं. लेट खेती करने वाले किसानों के लिए नया बीज तैयार किया गया है.

मिर्जापुर के बरकछा कलां में स्थित बीएचयू कृषि केंद्र प राधिका व भारत सरसों-7 सहित तीन वैराइटी के सरसों के बीज उपलब्ध है. किसान आवश्यकतानुसार बीज खरीद सकते हैं. लेट खेती करने वाले किसानों के लिए नया बीज तैयार किया गया है.

उन्होंने बताया कि सरसों की बुवाई के 25 दिन बाद खेत की सिंचाई करने के बाद ओट आने पर नैनो यूरिया का छिड़काव करें. अगर किसान बुवाई के समय सल्फर का प्रयोग नहीं किए हुए हो तो घुलनशील सरसों का छिड़काव अवश्य करें.

 

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